We would love to know what and how you feel about the immersions,
Also, let us know if you wanna be updated on upcoming events and newsletters , we will add you to our tribe!
Also, write to us if you want us to host a ceremony at your place.
Write to us : ajinkya.uplopwar@gmail.com
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Experimenting with different energies, art styles and artists is something that we believe in. If you feel aligned with the concept and like what we are doing, get in contact with us.
Let us work and play together and take this forward to new domains.
Team
Ajinkya Uplopwar
मनुष्य अपने जीवन के सरल अनुभव अपनी पाँच इंद्रियों द्वारा करता है जिसका अपार रूप से संशोधन भी किया जा सकता है। इन्ही इंद्रियों की मद्दद से आंतरिक को भी समझा जा सकता है, जो की योगियों और ऋषियों ने सदियों में कई प्रभावशाली अभ्यास बता के स्पष्ट किया है। सुख और दुखः भीतर के विषय हैं और हम सभी सुख के अनुभव के लिये भटकते रहते हैं। प्रत्यक्ष है कि भीतर तक पहुँचने का सफ़र मनुष्य अपनी इंद्रियों द्वारा करता है। अलौकिकता कुछ दिव्य देख लेने में भी है, स्वादिष्ट खाने में भी है, मधुर ध्वनि में भी है, पसंदीदा गंध में भी और शारीरिक सम्बंध में भी है, मनन चिंतन के लिए संगीत भी प्रभावशाली अस्त्र है।
बचपन से ही मुझे मंत्रों के उच्चारण की ऊर्जा या मंदिर की घंटी की गूँज या अज़ान की गंभीरता या शंखनाद या नगाड़े का कंपन, ऐसी कई चीज़ें कुछ अलौकिक और भव्य महसूस कराती हैं, और बड़े होते हुए उसी तरह की अलौकिकता मुझे विश्व के अलग अलग संगीत शैलीयों में भी मिली। मज़ाक़ में उड़ जाने वाली बात हो सकती है ये पर सच कहूँ तो मेटल, पॉप, कंट्री, साइकेडेलिक, प्रोग्रेसिव, रॉक सभी शैलियों में मुझे वो मिला जो उतना ही अलौकिक महसूस हुआ है। संगीत में मेरा बचपन से रुझाव, अभियंत्रिकी की वित्ति और परिवार का प्रोत्साहन होना मेरे लिए पर्याप्त है ये समझने कि लिए की मैं अपने जीवन की ऊर्जा इस विषय में लगाना चाहता हूँ। ये वो नाव है मेरे लिए जिससे मैं इस आध्यात्मिक अंतरिक्ष की सैर पे निकल रहा हूँ। मुझे इसमें अर्थ दिखता है और मुझे ये महत्वपूर्ण भी लगता है,और सच कहूँ तो इतना काफ़ी है।
अलखनिरंजन!!
Mohit Khajuria – Co Performer
I’m a composer, performer and a guitarist. Ajinkya and I share a deep friendship since our college days. I feel that this project has been an aid in my own spiritual journey and has reinstated in me the need to surrender to feel liberated.
Rohit Agarwal – Manager
Upekṣā or equanimity! State of being unaffected in good or bad. To emulate this state is the centrepiece of my journey and there I found the elemental immersions which are an introspection into self. Professionally working in technology and helping to find these immersions reach to more people!
Phone No: +91 870064051
Anmol Maini – Tech
I am a coder, musician little bit into mantras and medicine music. Experienced their first elementals immersion set somewhere in the Himalayas. Instant fan of ether. I just want to get this music and the intention across to more people.
चरन्मार्गान्विजानाति – A wanderer always finds his path.